PPF (Public Provident Fund) अर्थात सार्वजनिक भविष्य निधि भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक अत्यंत लोकप्रिय लॉन्ग टर्म बजट और निवेश योजना है। इसे 1968 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य व्यक्तियों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने और फ्यूचर के लिए फंड इकट्ठा करने को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। चुकी यह योजना केंद्र सरकार द्वारा ऑफर की गई है इस योजना में इन्वेस्ट किए गए पैसे का रिटर्न सेफ और गारंटीड है। इस योजना का उद्देश्य छोटे निवेशकों को लाभ पहुंचाना तथा निवेश के लिए इनकरेज करना है। यह एक लॉन्ग टर्म Investment plan है।
PPF का फुल फॉर्म
पीपीएफ (PPF) का फुल फॉर्म है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) तथा हिंदी में इसे सार्वजनिक भविष्य निधि कहा जाता है।
पीएफ खाता कौन खोल सकता है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड(PPF) अकाउंट की विस्तृत जानकारी लेने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है पीपीएफ अकाउंट कौन खोल सकता है। निम्नलिखित प्वाइंट्स हमें यह जानकारी दे सकते।
- कोई भी भारतीय नागरिक PPF अकाउंट खोल सकता है पर कोई NRI पीपीएफ (PPF) अकाउंट नहीं खोल सकते हैं।
- नाबालिक व्यक्ति भी पीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं अथवा वे व्यक्ति जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है उनके लिए भी पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है किंतु इनका अकाउंट इनके परिवार वाले ऑपरेट करते हैं। परिवार वाले उनके अकाउंट में पैसा जमा करने तथा निकालने का कार्य कर सकते हैं। वयस्क होने पर व्यक्ति स्वयं अपना अकाउंट ऑपरेट करता है।
- कोई व्यक्ति एक बार में एक ही पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है अर्थात एक व्यक्ति को एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है।
- अकाउंट होल्डर अपने पीपीएफ अकाउंट को एक बैंक से दूसरे बैंक में स्वेच्छा से ट्रांसफर करवा सकते हैं तथा पोस्ट ऑफिस में भी ट्रांसफर करवाया जा सकता है।
- पीपीएफ (PPF) स्कीम जॉइंट अकाउंट की इजाजत नहीं देता है। अर्थात दो व्यक्तियों का एक ही पीपीएफ अकाउंट नहीं हो सकता।
पीपीएफअकाउंट से जुड़ी विस्तृत जानकारी
जैसा कि हम जानते हैं पीपीएफ (PPF) अकाउंट केवल भारतीय नागरिक ही खोल सकते हैं यहां तक कि भारतीय अविभाजित परिवार यानी यानी हिंदू उंडिवाइडेड फैमिली को भी पीपीएफ अकाउंट खुलवाने की पात्रता प्राप्त नहीं है। पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी की अवधि 15 वर्ष है इस अवधि के बाद या तो अकाउंट होल्डर अकाउंट बंद कर सकता है या इसे 5 साल के ब्लॉक में बढ़ा सकता है। इसमें इन्वेस्टमेंट के लिए मिनिमम अमाउंट 500 रखा गया है किन्तु मैक्सिमम 1,50,000 की राशि तक किसी भी वित्तीय वर्ष में जमा किए जा सकते हैं। एकाउंट होल्डर मैक्सिमम 12 इंस्टॉलमेंट मैं अथवा लंपसम पूरा अमाउंट एक बार में जमा कर सकते है।
क्योंकि यह स्कीम सेंट्रल गवर्नमेंट की स्कीम है इसलिए पीएफ पर ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है तथा समय-समय पर इसमें चेंजेस भी किए जाते हैं। वैसे अब तक का अनुभव यदि देखा जाए तो पीएफ का इंटरेस्ट रेट ज्यादातर अन्य फिक्स्ड इनकम सेविंग स्कीम्स के कंपैरिजन में अधिक रहा है। इस स्कीम में इंटरेस्ट एनुअल एकम्युलेट होता है और इन्वेस्टर को टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। पीपीएफ स्कीम में इन्वेस्ट किया हुआ अमाउंट आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए एलिजिबल है और अर्जित इंटरेस्ट और मेच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड खाते के फायदे
- यह स्कीम कम आए वाले भारतीय नागरिकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। कम से कम आय वाले व्यक्ति भी यह खाता बैंक में या पोस्ट ऑफिस में खोल सकते हैं।
- अभिभावक अपने नाबालिक बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पीएफ खाता खोल सकते हैं
- क्योंकि यह योजना भारत सरकार द्वारा आम आदमियों को ध्यान में रखकर लाई गई है अतः इसमें पैसे डूबने की संभावना न के बराबर होती है। यह स्कीम रिजर्व बैंक की देखरेख में कार्य करती है
- पीपीएफ अकाउंट होल्डर अपनी सुविधा अनुसार सालाना 12 किश्तों में अथवा एक मुश्त पैसे जमा कर सकता है।
- PPF अकाउंट मैं जमा राशि पर 7.1% ब्याज दिया जाता है एवं इससे प्राप्त इंटरेस्ट टैक्स फ्री होता है।
- चुकी इस योजना का मेच्योरिटी पीरियड 15 वर्ष है अतः व्यक्ति 15 वर्ष तक अपना पैसा नहीं निकल सकता किंतु 15 वर्ष पूरे होने पर वह पूरी राशि निकाल सकता है। यदि अकाउंट होल्डर चाहे तो इस पीरियड को 5 साल और बढ़ाया जा सकता है।
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)की एक बड़ी सुविधा यह है कि अकाउंट होल्डर इस पर लोन ले सकता है। यदि किसी कारण से पैसों की आवश्यकता हो तो अपने एक्टिव पीपीएफ अकाउंट जो की 5 साल पुराना हो, के बेसिस पर अकाउंट होल्डर लोन ले सकता है।
नॉमिनी संबंधी नियम
- इन्वेस्टर एक या एक से अधिक व्यक्ति को नामित कर सकता है जो उसकी मृत्यु के पश्चात जमा राशि को प्राप्त कर सकते हैं।
- माइनर के बदले खाता खोलने पर कोई भी नॉमिनी नहीं किया जाता।
- इन्वेस्टर कभी भी नॉमिनी को बदल सकता है।
- नॉमिनी के माइनर होने की कंडीशन में इन्वेस्टर किसी व्यक्ति को नॉमिनी डिक्लेयर कर सकता है जो की एक्चुअल नॉमिनी के एडल्ट होने तक के दौरान इन्वेस्टर की डेथ हो जाने पर राशि प्राप्त कर सकता है।
- यदि इन्वेस्टर की मृत्यु 15 वर्ष की अवधि पूर्ण होने से पहले हो जाती है तो ऐसी स्थिति में नॉमिनी को उसके द्वारा जमा राशि दी जा सकती है।
- इन्वेस्टर की मृत्यु होने पर पीएफ खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहता है यह ब्याज जमा राशि का भुगतान किए जाने वाले पूर्ववर्ती माह के अंत तक मिलता है।
- पीपीएफ खाता किसी एक व्यक्ति के नाम से दूसरे के नाम पर हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है, अर्थात इन्वेस्टर की मृत्यु के पश्चात नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी उस पीपीएफ खाते को अपने नाम पर जारी नहीं रख सकता है
निष्कर्ष
पीपीएफ एक अत्यंत विश्वसनीय, सुरक्षित और बेस्ट इन्वेस्टमेंट है। इसे कम राशि के निवेश के साथ खोला जा सकता है। सरकार ने कुछ पोस्ट ऑफिस तथा कुछ बैंकों को पीपीएफ अकाउंट खोलने का अधिकार प्रदान किया है। आप इन स्पेसिफिक पोस्ट ऑफिस और बैंक शाखाओं में जाकर अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं और इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। परंतु योजना में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना आवश्यक है|