इस संसार में जहां तेजी से सारी चीज डिजिटल होती जा रही है और डिजिटल परिवर्तन हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा बन चुका है, वहां digital currency का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। डिजिटाइजेशन की वजह से देश के हर प्रतिष्ठित संगठनों जैसे स्कूल, बैंक, अस्पताल आदि में कामकाज पूर्णतः डिजिटल हो चुका है। डिजिटल इंडिया की इस पहल को संपूर्ण बनाने के प्रयास में भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2022 से ई करेंसी लांच की।
e-Rupi क्या है?
डिजिटल इकोनामी का इस समय वर्ल्ड ट्रेंड चल रहा है। डिजिटल करेंसी इसी ट्रेंड का हिस्सा है। भारत में लॉन्च्ड डिजिटल करेंसी को हम ई-रुपए के नाम से भी जानते हैं तथा यह ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। यह नोट और सिक्कों का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। इसका इस्तेमाल आपकी सहूलियत को बढ़ा सकता है क्योंकि इसके बाद आपको नोट और सिक्कों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका इस्तेमाल किसी भी प्रकार की शॉपिंग के लिए किया जा सकता है।
Digital currency फिजिकल करेंसी के समान ही वर्क करती है तथा उसका मूल्य भी फिजिकल करेंसी के समान ही है यानी एक डिजिटल रुपया बराबर ₹1 ही होगा। इस रुपए को जारी करने का काम आरबीआई का है तथा इसका प्रबंधन तथा वितरण कर की जिम्मेदारी बैंक की है।
डिजिटल रुपया यूपीआई पेमेंट से किस प्रकार भिन्न है?
यूपीआई (UPI) के जरिए आप जो ट्रांजैक्शन करते उसका प्रोसेस भले ही डिजिटल हो लेकिन जो ट्रांजैक्शन होता है वह कैश में ही होता है, डिजिटल ट्रांजेक्शन में डिजिटल करेंसी का ही ट्रांसफर होता है। यह डिजिटल करेंसी डिजिटल नोट और सिक्कों के फॉर्म में होती है।
e-Rupi कैसे प्राप्त करें?
भारतीय रिजर्व बैंक में आठ बैंकों को डिजिटल करेंसी लांच करने के लिए चूस किया है। इन आठ बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, आइसीआइसीआइ बैंक, येस बैंक, आईडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ़ बरोदा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल है। पहले चरण में यह चार शहरों में लॉन्च की गई है वह चार शहर है मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर।
कोई भी व्यक्ति इन बैंकों की वेबसाइट द्वारा या फिर ऐप के जरिए digital currency को खरीद सकते हैं। इसके लिए उन्हें डिजिटल वॉलेट जो की बैंक के थ्रू अलॉट किया जाता है उसकी जरूरत होगी जो कि उनके खातों से लिंक्ड होगा। इस वॉलेट में ग्राहक अपनी डिजिटल करेंसी को रख सकते हैं। डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आप पर्सन टू पर्सन कर सकते हैं अर्थात अपने किसी मित्र को पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, और कोई बिल भी पे कर सकते हैं अर्थात पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन भी संभव है।
Digital Currency के क्या फायदे हैं?
यदि हम गौर करें तो डिजिटल करेंसी के कई सारे फायदे नजर आएंगे जो कि न केवल देश के नागरिकों के लिए है वरन गवर्नमेंट के लिए भी है। गवर्नमेंट को नोट छापने के लिए करोड़ों रुपए का खर्च करना पड़ता है, इन रुपयों की इंक तथा पेपर विदेश से आयात किए जाते हैं जो काफी महंगे पड़ते हैं, इसके बाद फिर इनकी प्रिंटिंग का खर्च वहन करना पड़ता है, उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो ₹100 का एक नोट छापने में सरकार को 10 से 18 रुपए का खर्च आता है, । digital currency का चलन फिजिकल करेंसी की डिमांड को कम कर देगा तथा यह गेवरमेंट को मनी सेविंग का एक ऑप्शन देगा।
इसके अलावा नकली नोटों के चलन की रोकथाम में भी यह मददगार साबित होगा। भारत में अक्सर नकली नोट सामने आते हैं जो सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है। digital currency को कोई भी अन्य देश या व्यक्ति छाप नहीं सकते इसलिए नकली नोटों की रोकथाम में भी सहायक है।
डिजिटल रुपए से किए जाने वाला हर ट्रांजैक्शन सरकार की निगरानी में होगा इस प्रकार यह काले धन पर भी लगाम कस पाएगा।सारे ट्रांजैक्शन सरकार की निगरानी में होने के कारण पारदर्शिता बढ़ेगी और काले धन पर रोक लगेगी।
यदि नागरिकों की बात की जाए तो digital currency का सबसे बड़ा फायदा बिजनेस वालों को होगा। ज्यादातर इन बिजनेस परसंस के बैंक में करंट अकाउंट होते हैं। इन करंट एकाउंट्स में उन्हें इंटरेस्ट कम मिलता है किंतु हर दिन उन्हें लगभग पैसा जमा करना या निकलना होता है। digital currency के इस्तेमाल से उन्हें बार-बार बैंक में पैसा जमा करने या निकालने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा। बिजनेस पीपल के अलावा आम नागरिकों की बात की जाए तो डिजिटल करेंसी एक सुरक्षित जरिया है।अब जेब में कैश रखकर घूमने और उसके खो जाने या चोरी हो जाने के डर से बचाता है।
e-Rupi की मान्यता
जिस प्रकार आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नोट संपूर्ण भारत में मान्य है उसी प्रकार ई-रुपया भी संपूर्ण भारत में मान्य होगा तथा इसका लेनदेन पूर्णतः रिजर्व बैंक के नियंत्रण में होगा।
क्या डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सेफ है?आमतौर पर लोग e-Rupi की तुलना क्रिप्टो करेंसी से करते हैं जिसमें लोगों को घाटा वहन करते हुए पाया गया है। उपयोगकर्ता को डिजिटल रुपए की प्रामाणिकता पर किसी भी प्रकार का संदेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे केंद्रीय बैंक अर्थात आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है। शुरुआती दौर में इसके इस्तेमाल में कुछ दिक्कतें आ सकती है जो को हर नई चीज की शुरुआत में आती है परंतु इससे इसकी प्रामाणिकता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता।